Railway ALP/Technician Electrical Engineering Trade Notes in Hindi

Railway ALP/Technician Electrical Engineering Trade 

Hello, Friends
 प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए हम प्रतिदिन PDF Notes शेयर करते हैं| दोस्तों आज जो Notes हम आप सभी छात्रों के लिए शेयर कर रहे हैं वह “Railway ALP/Technician Electrical Engineering Trade  ” की है | दोस्तों यह नोट्स आप सभी केRailway ALP/ Technician  प्रतियोगी परीक्षाओं में तैयारी करने के लिए बहुत ही उपयोगी है| जो छात्र-छात्राएं Railway ALP/ Technician Exam  परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन सभी Students के लिए हमारे द्वारा शेयर किया जा रहा यह Notes बहुत ही Helpful है| 


  1.  विद्युत ऊर्जा की इकाई किलोवाट घंटा है। 
  2. तापमान बढ़ने से पदार्थ की इलेक्ट्रिक सामर्थ्य घटती है।
  3.  लेड एसिड सेल का औसत विद्युत वाहक बल (e.m.f.) 2.2 वोल्ट होता है।
  4.  चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा दाएँ हाथ के नियम से निर्धारित की जाती किसी बैटरी की क्षमता डिस्चार्ज की दर पर निर्भर करती है। विद्युत बैटरी एक युक्ति है जो रासायनिक क्रिया द्वारा विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। |
  5. 1 किलो कैलोरी 4180 जूल के बराबर होती है। |
  6. 1 हॉर्स पावर 746 वाट के बराबर होता है। विद्युत धारा की इकाई ऐम्पियर होती है। 
  7. वह बल जो विद्युत को चलाता है e.m.f. कहलाता है। 
  8. आर्मेचर का कम्प्यूटेटर एक दिष्ट धारा देने में सहायता करता है।
  9.  घरेलू रेफ्रिजरेटर वाष्प कम्प्रेसन रेफ्रिजरेशन सिस्टम के सिद्धांत पर कार्य करता है।
  10. प्रतिरोध वेल्डिंग के लिए निम्न वोल्टेज की आवश्यकता होती है।
  11. आल्टरनेटर A.C. जनित करता है। किसी दाब कुण्डली में धारा सप्लाई वोल्टेज के समानुपाती होती है।
  12. मूविंग आयरन यंत्र आकर्षण एवं विकर्षण प्रकार के होते हैं। • वोल्टमीटर की रेंज बढ़ाने के लिए वोल्टमीटर के साथ उच्च मान का प्रतिरोध जोड़ा जाता है।
  13. मूविंग कॉयल यंत्र स्थायी चुम्बक और डायनेमो मीटर प्रकार के होते हैं।
  14. एक स्थायी चुम्बक का चुम्बकत्व रहता है जब चुम्बकत्वीय बल हटा दिया जाता है।
  15. पेपर कन्डेंसर एक प्रकार का फिक्सड कंडेसर होता है। लेड-एसिड बैटरी में प्रयुक्त इलेक्ट्रोलाइट सल्फ्यूरिक एसिड होता है।
  16. धारा को DC कहा जाता है जब माप समय के साथ समान ही रहता है।
  17. एक फेज A.C. मोटर में कन्डेसर फेज को विभक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है। |
  18. तापमान बढ़ने से प्रतिरोध का तापमान गुणांक बढ़ता है।
  19. वह मीटर जो वोल्टेज मापता है, वोल्टमीटर कहलाता है।
  20. सिंगल फेज अल्टरनेटर की तुलना में तीन फेज अल्टरनेटर का तुल्यकाल सरल होता है।
  21. कार्बन आर्क वेल्डिंग में इलेक्ट्रोड ऋणात्मक विभव पर रखे जाते है।
  22. नट और वोल्ट को जोड़ने के लिए प्रक्षेप वेल्डिंग का प्रयोग होता
  23. धात्विक आर्क वेल्डिंग में प्रयुक्त इलेक्ट्रोड आवरण चढ़े होते हैं।
  24. घरेलू रेफ्रिजेरेटरों में कंडेंसर रेफ्रिजरेटर के पीछे लगा होता है।
  25. बुश बनाने के लिए कास्ट आयरन का प्रयोग किया जाता है।
  26. पूर्ण तरंग ब्रिज रेक्टीफायर में चार डायोड प्रयोग किए जाते हैं।
  27. डायोड में पिन के पास बिन्दु कैथोड दर्शाता है।
  28. LED में पी.एन. जंक्शन होता है।
  29. परिणामित्र का क्रोड सिलिकॉन इस्पात का बनाया जाता है।
  30. सोल्डर वायर टिन और सीसा का मिश्रण होता है।
  31. DC मशीन की पाश्र्वपथ विसर्पण का प्रतिरोध लगभग 200 होता है।
  32. AC मोटर एवं DC मोटर को यूनिवर्सल मोटर कहा जाता है। 
  33. क्रोमियम प्लेटिंग के लिए एनोड.एन्टमीनियल सीसा का बना होता है। 
  34. विद्युत शक्ति को मापने वाला मीटर वाटमीटर कहलाता है। 
  35. विद्युत परिपथ की धारा मापने के लिए प्रयुक्त मीटर आमीटर है। 
  36. दो फेज सप्लाई में वाइंडिंग का विद्युतीय विस्थापन 90° होता है। 
  37. चालक की लम्बाई बढ़ने से प्रतिरोध बढ़ता है। 
  38. AC को ट्रांसफार्मर द्वारा आसानी से घटाया बढ़ाया जा सकता है। 
  39. M.C. यंत्रों की तुलना में M.I. यंत्र की खपत अधिक होती है। 
  40. इलेक्ट्रॉन वोल्ट द्वारा ऊर्जा को मापा जाता है।
  41. किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के अनुक्रमानुपाती होता है, अर्थात् RaTI 
  42. परमाणु के नाभिक का व्यास 10-14 मीटर होता है।
  43. परमाणु के मूल कण प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन हैं।
  44. प्रतिरोध का SI मात्रक 'ओम' होता है।
  45. व्हीट स्टोन सेतु का उपयोग निम्न तथा उच्च दोनों प्रकार के प्रतिरोध मापन में होता है।
  46. किसी सेल अथवा बैटरी का विद्युत वाहक बल मापने के लिए वोल्टतामापी का प्रयोग किया जाता है।
  47. ए.सी. परिपथ के आयाम घटक का मान 1.414 होता है।
  48. किसी अल्टरनेटर की घूर्णन दिशा फ्लेमिंग के दाँये हाथ के नियम से ज्ञात किया जाता है।
  49. 1 KHz आवृत्ति की तरंगदैर्ध्य 3 x 105 मी. होती है।
  50. स्टार संयोजन का प्रयोग विद्युत वितरण प्रणाली में किया जाता है।
  51. यूनिटी पावर फैक्टर पर कोण Q का मान 0° होता है। • 1 वैब 108 मैक्सवैल के बराबर होता है।
  52. किसी चुम्बकीय परिपथ में चुम्बकीय फ्लक्स को गतिमान करने वाला बल चुम्बकीय वाहक बल कहलाता है।
  53. लेंज के नियम ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत से सम्बन्धित है।
  54. विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के खोजकर्ता फैराडे थे।
  55. विद्युत धारिता का SI मात्रक फैराड होता है।
  56. वायु तथा निर्वात का परावैद्युत नियतांक एक होता है।
  57. यदि C धारिता मान के दो संधारित्र श्रेणी क्रम में संयोजित हों, तो : उनकी तुल्य धारिता C/2 होगी
  58. पॉलिस्टर संधारित्र की कार्यकारी वोल्टता 400V डी.सी. होती है।
  59. अधिक धारिता मान प्राप्त करने के लिए संधारित्रों को समान्तर-क्रम में संयोजित करना होता है।
  60. RC परिपथ के समय नियतांक की गणना करने का सूत्र t=C.R. होता है।
  61. 1 फैराड, 9x1011 e.s.u. के बराबर होता है।
  62. शंट का उपयोग धारामापी की माप सीमा बढ़ाने के लिए होता है।
  63. किसी धारामापी की कुण्डली में एक्रॉस शंट का प्रयोग करने से उसकी माप सीमा बढ़ जाती है।
  64. वोल्टमापी की सुग्राहिता ओम प्रति वोल्ट में व्यक्त की जाती है।
  65. धारामापी को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
  66. ए.सी/डी.सी. वोल्टता, डी.सी. ऐम्पियर और ओम को मल्टीमीटर से मापा जाता है।
  67. प्रतिरोधक द्वारा विद्युत ऊष्मीय के अन्तर्गत उत्पन्न ऊष्मा धारा के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है।
  68. सामान्य प्रकार का वोल्टमापी ए.सी. का R.M.I. मान मापता है।
  69. वैद्युतिक-अपघटन प्रक्रिया के लिए डी.सी. स्त्रोत आवश्यक है।
  70. विद्युतरंजन प्रक्रिया के लिए आवश्यक विद्युत सप्लाई डी.सी. होती है।
  71. वोल्टमीटर में धात्विक वस्तु ऋणोद इलेक्ट्रोड से संयोजित होती है।
  72. धन आवेशयुक्त कण कैटायन कहलाते हैं।
  73. लेड-एसिड सेल द्वारा उत्पन्न विद्युत वाहक बल का मान 2.2V का होता है।
  74. सेलों के आन्तरिक प्रतिरोध के मान को कम करने के लिए उन्हें समानान्तर क्रम में जोड़ा जाता है।
  75. लेड-एसिड का सेडीमेन्टेशन दोष क्षारीय सेल में भी पाया जाता है।
  76. धात्विक वस्तु की सतह से चिकनाई हटाने के लिए उसे क्षारीय विलयन में डुबोया जाता है।
  77. बैटरी आवेषण कार्य के लिए शंट जनित उपयुक्त होता है।
  78. डी.सी. जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को वैद्युतिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
  79. बड़े जनित्र में प्रयोग किये जाने वाले ब्रश ताँबे के होते हैं। 
  80. जनित्र में अवशिष्ट चुम्बकत्व समाप्त होने का कारण ओवर हीटिंग व हैमरिंग है।
  81. शंट कुण्डलन का प्रतिरोध आर्मेचर कुण्डलन से अधिक होता है।
  82. डी.सी. सीरीज मोटर के प्रचालन के लिए दो-बिन्दु स्टार्टर का प्रयोग किया जाता है।
  83. प्रारंभ में डी.सी. मोटर के विरोधी वि.वा. बल का मान शून्य होता है।  
  84. ओवर लोड क्वायल (OLC) का कार्य ओवर लोड स्थिति में मोटर। को ‘ऑफ' करना है।
  85. वेब बाइन्डिंग में समान्तर पथों (A) की संख्या दो होती है।
  86. आल्टरनेटर के रोटर डी.सी. सप्लाई प्रदान करने वाली युक्ति एक्साइटर कहलाती है।
  87. भारत में मान्य फेज क्रम R-Y-B है। 
  88.  प्रकाश का वेग 3 x 108 मी/से होता है।
  89. आल्टरनेटर द्वारा उत्पन्न वि.वा. बल की आवृत्ति पोल्स की संख्या तथा घूर्णन गति पर निर्भर करती है।
  90. आल्टरनेटर्स के सिंक्रोनाइजेशन के लिए सामान्यतः डार्क तथा ब्राइट लैम्प विधि का प्रयोग किया जाता है।
  91. ट्रांसफॉर्मर की दक्षता सामान्यतः 90% से 98% होती है।
  92. 3-फेज की घूर्णन दिशा परिवर्तित करने के लिए किन्हीं दो फेजों का संयोजन आपस में परिवर्तित करना पर्याप्त होता है।
  93. यदि 3-फेज मोटर का एक फेज ओपन-सर्किट हो तो मोटर स्टार्ट तो हो जायेगी परन्तु लोड नहीं उठायेगी। रनिंग अवस्था में मोटर की धारा ‘स्टार्टिंग' की तुलना में कम होताहै।
  94. ऑटो-ट्रांसफार्मर स्टार्टर का उपयोग 10 अश्व-शक्ति से अधिक | की मोटर्स के साथ होता है।
  95. D.O.L. का पूर्ण रूप ‘डाइरेक्ट ऑन लाइन' है।
  96. विद्युत भट्टी की दक्षता 75% से 100% होती है। |
  97. सोल्डरिंग प्रक्रिया में फिलर धातु के रूप में लेड-टिन का मिश्रधातु उपयोग होता है।
  98. विद्युत आर्कभट्टी का तापमान मापने के लिए पायरोमीटर उपयोग किया जाता है।
  99. प्रत्यक्ष आर्क भट्टी की दक्षता सामान्यतः 5 से 10 टन होती है।
  100. वैद्युतिक कार्यों के लिए प्रयुक्त सोल्डर में लेड तथा टिन का अनुपात 40:60 होता है।
  101. प्रदीप्ति पुंज का मात्रक 'ल्यूमेन' होता है।
  102. मरकरी (पारा) वाष्प लैम्प की औसत आयु 3000 घंटे होती है।
  103. निर्वात बल्ब की तुलना में गैस युक्त बल्ब की दक्षता दो गुना होती सोडियम वेपर लैम्प पूर्णरूप से प्रकाशित होने में 10 से 15 मिनट समय लगता है।
  104. वातानुकूलन उपकरण की दक्षता टन में व्यक्त की जाती है।
  105. एयर कंडीशनर में कम्प्रेसर तथा ब्लोअर को दो भिन्न-भिन्न मोटर्स से चलाया जाता है।
  106. वाटर कूलर की दक्षता ‘लिटर' में व्यक्त की जाती है।
  107. ट्रांजिस्टर में दो PN संगम होते हैं। इन्सुलेशन के लिए स्पार्क प्लग में पोर्सेलिन का उपयोग किया जाता है।
  108. फ्यूज तार सामान्यतः टिन-सीसा के मिश्रधातु से बनाए जाते हैं।
  109. प्रकाश का रंग तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है। डी.सी. (D.C) शेट रिले पतले तार के बहुत से घेरे के बने होते हैं।   
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