Railway ALP(Automobile Engineering ) Notes in Hindi


दोस्तों नया साल अपने साथ ढेर EXAMS की न्यूज लेकर जाता हैसही मायने में साल शुरु होते ही परीक्षाओं का काउनडाउन शुरु हो जाता हैIAS से लेकर PCS तक, SSC से लेकर Railway  के Notification जाने शुरु हो जाते हैंऐसै में उन प्रतियोगी छात्रो की धडकने बढ़ने लगती हैं जो सालभर तैयारी करते हैं क्योकि असल परीक्षा का वक्त जब शुरु होता हैऐसे में अगर आपको सही मार्गदर्शन मिले तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है.आज हम आपके लिए Railway ALP(Automobile Engineering ) Notes in Hindi हिंदी में प्रस्तुत कर रहे है |


              Railway ALP(Automobile Engineering ) Notes in Hindi



• दो आघात इंजनों में, केंक शाफ्ट के एक चक्कर में एक शक्ति आघात होता है, जबकि चार आघात इंजन में दो चक्करों में एक शक्ति आघात होता है। इस प्रकार समान क्षमता तथा गति के लिए दो आघात इंजन में चार आघात इंजन की तुलना में लगभग दोगुनी शक्ति पैदा होती है। • • क्योंकि प्रति क्रेक चक्कर के लिए एक कार्यकारी आघात होता है। इसलिए घुमाऊ घूर्ण बिल्कुल समान होता है तथा हल्के भार का फ्लाई व्हील काफी होता है। इसलिए दो आघात का इंजन हल्के वाहन जैसे- स्कूटर आदि के लिए बहुत उपयोगी है।
• दो आघात इंजन के लिए भार, शक्ति अनुपात कम होता है। इसी कारण दो आघात इंजन का प्रयोग मैरीन इंजनों में अधिक उपयोगी है।
• दो आघात इंजनों में जटिल वाल्व मेकेनिज्म नहीं होता। अतः दो आघात इंजनों में, चार आघात इंजन में गतिशील अंगों के कारण होने वाले शोर एवं स्नेहन की परेशानी, दूर हो जाती है तथा वाल्व रोक कर, कैम तथा कैम शाफ्ट न होने के कारण उसकी यांत्रिक दक्षता अधिक होती है।
• दो आघात इंजन किसी भी दिशा में चल सकता है। इसलिए reversing gear की आवश्यकता नहीं है।
• ड्यूअल चक्र, ऑटो चक्र तथा डीजल चक्र का संयोजन(combination) है इसीलिए यह ड्यूअल अथवा मिश्रित चक्र कहलाता है। इस चक्र पर कार्य करने वाले इंजन संपीडन प्रज्वलन इंजन (compression ignition engines) कहलाते हैं।
• परिमाणात्मक गवर्निग में सिलिण्डर को प्रेषित वायु व ईंधन के मिश्रण की मात्रा भार के अनुसार परिवर्तित होती है, जबकि मिश्रण सामथ्र्य अर्थात् वायु ईंधन अनुपात लगभग स्थिर रखा जाता है।
•गुणात्मक गवर्निग के अंतर्गत स्थिर वायु के परिमाण के साथ परिवर्तित ईंधन की मात्रा की आपूर्ति की जाती है।
• हिट एवं मिस गवर्निग में छोटे आकार के हल्के तेल इंजनों में हिट एवं मिस गवर्निग मेकेनिज्म निकास वाल्व पर कार्य करता है। जब इंजन की गति अत्यधिक उच्च हो जाती है तो यह निकास वाल्व के खुलने को रोकता है। जली हुई गैस सिलिण्डर में रोक ली जाती है तथा बारी-बारी से संपीडित एवं प्रसारित की जाती है, जब तक कि गति कम नहीं हो जाती। कुछ दशाओं में ईंधन प्रवेश वाल्व बन्द रखा जाता है तथा सिलिण्डर में कोई ईंधन प्रवेश नहीं कराया जाता तथा इंजन एक निष्क्रिय चक्र बनाता है।
• तरल हाइड्रोकार्बन ईंधनों को महीन कणों में वाष्पीकरण करने तथा इच्छित अनुपात में इसे वायु के साथ मिश्रित करने की क्रिया को कारबुरेशन कहते हैं। दूसरे शब्दों में, ईंधन तथा वायु का तैयार । करना कारबुरेशन कहलाता है।
•वह युक्ति जिससे वह क्रिया की जाती है, कारबुरेटर कहलाती है |
•सरल कारबुरेटर रचना में एक फ्लोट चैम्बर, दो फ्लोट, एक ईंधन । जैट, एक श्रॉटल वाल्व, एक वेन्चुरी ट्यूब तथा एक चोक वाल्व होता है। •कामन रेल सिस्टम एक common header अथवा accumulator जो इंजेक्शन नॉजल को ऑयल भेजता है, में फ्यूल पम्प से दाब सहित ऑयल भेजा जाता है। इंजेक्शन नॉजल कैम से चलता है। फॉलोअर कॉलम के बीच wedge के द्वारा ऑयल की मात्रा को नियन्त्रित करने के लिए निडिल वाल्व का स्ट्रोक नियन्त्रित किया जाता है। Wedge की गति मानव द्वारा अथवा गवर्नर के द्वारा नियन्त्रित की जाती है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1.ऑटोमोबाइल के आविष्कार का श्रेय निम्नलिखित में से किस देश को मिला?
(A) जर्मनी
(B) इंगलैण्ड
(C) अमरीका
(D) फ्रांस
2. हीट इंजनं क्या है?
(A) वह इंजन जो हीट एनर्जी को मैकेनिकल इनर्जी में  बदलता है।
(B) वह इंजन जो मैकेनिकल इनर्जी को हीट इनर्जी में बदलता है।
(C) उपर्युक्त दोनों सत्य हैं।
(D) इनमें से कोई नहीं
3. रेलवे का स्टी : इंजन उदाहरण है:
(A) इन्टर्नल इंजन |
(B) एक्सटर्नल इंजन
(C) मध्य इंजन
(D) इनमें से कोई नहीं
4. पिस्टन रिंग को पिस्टन पर चढ़ाने के लिए जो यन्त्र काम में लाया जाता है उसका नाम है:
(A) रिंग काम्प्रेसर (B) रिंग एक्सपैन्डर
(C) फिलर गेज (D) इनमें से कोई नहीं
5. पिस्टन अपने स्ट्रोक में सिलैण्डर के अन्दर जिस चरम बिन्दु तक ऊपर जाता है वह बिन्दु क्या कहलाता है?
(A) B.D.C.
(B) T.D.C. (C) ओवर हैड
(D) इनमें से कोई नहीं
6.पिस्टन  अपने स्टोक में सिलैण्डर के अन्दर जिस चरम बिन्दु तक 6. नीचे जाता है, वह बिन्दु क्या कहलाता है?
(A) T.D.C.
(B) ओवर हैड
(C) B.D.C
(D) इनमें से कोई नहीं
7. समय से पूर्व इंजन वाल्व का खुलना क्या कहलाता है?
(A) लैग
(B) ओवर लैग
 (C) लीड
(D) इनमें से कोई नहीं |
8. निम्नलिखित में से कौन लैग कहलाता है?
(A) समय से पूर्व इंजन वाल्व का खुलना
(B) समय के बाद इंजन वाल्व का खुलना
(C) दोनों का एक साथ खुलना
 (D) इनमें से कोई नहीं
9.पिस्टन का स्ट्रोक निम्नलिखित में से कौन कहलाता है?
(A) T.D.C. से B.D.C. तक की दूरी
(B) B.D.C. से T.D.C. तक की दूरी
(C) दोनों दूरियाँ
 (D) इनमें से कोई नहीं
 10. पिस्टन के T.D.C. पर पहुँचने के बाद पिस्टन के ऊपर बचे स्थान के आयतन को क्या कहते हैं?
(A) स्वेप्ट वोल्यूम
(B) क्लीयरैन्स वोल्यूम ।।
(C) बोर
 (D) इनमें से कोई नहीं
11. सिलेण्डर का अन्दरूनी व्यास क्या कहलाता है? 
(A) T.D.C.
(B) B.D.C.
(C) बोर
(D) कैम शाफ्ट
12. इंजन साइकिल के अन्तर्गत घटित होने वाला स्ट्रोक निम्नलिखित में से कौन है?
 (A) सेक्शन स्ट्रोक
(B) पॉवर स्ट्रोक -
(C) कम्प्रेशन स्ट्रोक
(D) उपर्युक्त सभी
13. कम्प्रेशन स्ट्रोक में क्या होता है? |
(A) इसमें इनलैट वाल्व खुला रहता है
(B) इसमें खुला हुआ इनलैट वाल्व भी बन्द हो जाता है।
(C) (A) व (B) दोनों सत्य हैं
। (D) इनमें से कोई नहीं
14. निम्नलिखित में से किसमें एगजास्ट वाल्व खुल जाता है?
(A) सेक्शन स्ट्रोक
(B) कम्प्रेशन स्ट्रोक
(C) एगजास्ट स्ट्रोक
(D) इनमें से कोई नहीं
15. वाल्व टाइमिंग क्या कहलाता है?
(A) इनलैट वाल्व का खुला रहना।
(B) इनलैट वाल्व का बन्द हो जाना
(C) इनलैट तथा एगजास्ट वाल्व का निश्चित समय पर  खोलने की व्यवस्था करना
(D) इनमें से कोई नहीं
 16. वाल्व टाइमिंग में इनलैट वाल्व कितने डिग्री पर खुलता है?
(A) 120°
(B) 110°
(C) 200°
(D) 219°
17. वाल्व टाइमिंग में एगजास्ट वाल्व कितने डिग्री पर खुलता है?
(A) 219°
(B) 219°
(C) 200°
(D) 300°
उत्तरमाला
1. (A)
2. (A)
3. (B)
4. (B)
5. (B)
6. (C)
7. (C)

8. (B)
9. (C)

10. (B)
11. (C)
12. (D)
13. (B)
14. (C)
15. (C)
16. (D)
17. (A)
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